Thursday, 27 November 2014

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (Aajeevika - National Rural Livelihoods Mission (NRLM))

By.India Development Foundation  (Pradeep Rathore Mob.09452214232)
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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन - ग्रामीण विकास मंत्रालय का उददेश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये उनकी गरीबी दूर करना है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने जून, 2011 में आजीविका-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की शुरूआत की थी। आजीविका-एनआरएलएम का मुख्य उददेश्य गरीब ग्रामीणों को सक्षम और प्रभावशाली संस्थागत मंच प्रदान कर उनकी आजीविका में निरंतर वद्धि करना, वित्तीय सेवाओं तक उनकी बेहतर और सरल तरीके से पहुंच बनाना और उनकी पारिवारिक आय को बढ़ाना है। इसके लिए मंत्रालय को विश्व बैंक से आर्थिक सहायता मिलती है।
आजीविका-एनआरएलएम ने स्व-सहायता समूहों तथा संघीय संस्थानों के माध्यम से देश के 600 जिलों, 6000 प्रखंडों, 2.5 लाख ग्राम पंचायतों और छह लाख गांवों के 7 करोड़ ग्रामीण गरीब परिवारों (बीपीएल) को दायरे में लाने का और 8 से 10 साल की अवधि में उन्हें आजीविका के लिए आवश्यक साधन जुटाने में सहयोग देने का संकल्प किया है, जो एक कार्यक्रम के माध्यम से पूरा होगा। इसके अतिरिक्त गरीब जनता को अपने अधिकारों और जनसेवाओं का लाभ उठाने में, तरह तरह के जोखिम उठाने में और सशकितकरण के बेहतर सामाजिक संकेतकों को समझने में मदद मिलेगी। आजीविका-एनआरएलएम इस बात में विश्वास रखता है कि गरीबों की सहज क्षमताओं का सदुपयोग हो और देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था में उनका योगदान हो, जिसके लिए उनकी सूचना, ज्ञान, कौशल, संसाधन, वित्त तथा सामूहिकीकरण से जुड. क्षमताएं विकसित की जाएं।
 आजीविका के बारे में
आजीविका-एनआरएलएम का कार्य अधिक महत्वाकांक्षी है और इसे एक अभियान के रुप में लागू करना है। इससे, वर्तमान आवंटन आधारित रणनीति को मांग आधारित रणनीति में बदलने में मदद मिलेगी ताकि, राज्य गरीबी कम करने के लिए अपनी खुद की आजीविका आधारित कार्ययोजना बना सकें। इससे लक्ष्यों, परिणामों तथा समय पर आपूर्ति सुनिशिचत होगी। गरीबों के लिए निरंतर क्षमता निर्माण होगा, जरूरी योग्यता का विकास होगा और उन्हें आजीविका के अवसरों के साथ जोड़ा जा सकेगा। इनमें संगठित क्षेत्र में उभर रहे मौके भी शामिल हैं। इसमें गरीबी से जुड़े लक्ष्यों के परिणामों पर निगरानी भी रहेगी। चूंकि आजीविका-एनआरएलएम एक मांग आधारित रणनीति अपना रहा है इसलिए राज्यों के पास अपने खुद के आजीविका आधारित नजरिए वाली योजनाएं और गरीबी को कम करने की वार्षिक योजनाएं बनाने की स्वतंत्रता होगी।
राज्यों के गरीबी के अनुपात के आधार पर उन्हें राशि आवंटित की जाएगी और उन्हेंं इसीे सीमा में योजनाएं संचालित करनी होगी, ताकि आवंटित राशि का अधिक से अधिक लाभ मिले।

एनआरएलएम मिशन

"ग्रामीण गरीब परिवारों की परिसिथति को ध्यान में रखते हुए उनकी सशक्त एवं स्थार्इ संस्थाएं बनाकर लाभदायक स्वरोजगार एवं हुनरमद मजदूरी वाले रोजगार के अवसर प्राप्त कराने में समर्थ बनाना है जिससे उनकी गरीबी कम हो। जिसके नतीजतन उनकी जीवनशैली में लगातार उल्लेखनीय सुधार हो।"

एनआरएलएम मार्गदर्शक सिद्धांत

  • गरीब लोगों में अपनी गरीबी मिटाने की मजबूत इच्छाशकित होती है। और इसके लिए उनमें भरपूर क्षमताएं भी हैं।
  • गरीब लोगों में अपनी गरीबी मिटाने की मजबूत इच्छाशकित होती है। और इसके लिए उनमें भरपूर क्षमताएं भी हैं।
  • गरीब लोगों की सहज क्षमताओं को उबारने के लिए उनकी सामाजिक एकजुटता के साथ-साथ सशक्त संस्थाएं बनाना बहुत जरुरी है।
  • सामाजिक एकजुटता लाने, सशक्त संस्थाओं के निर्माण और सशकितकरण प्रकि्रया के लिए एक बाहय समर्पित और संवेदनशील सहायक संरचना की जरुरत है।
  • जानकारी का प्रचार-प्रसार, कौशल विकास, उधार की सुविधा, बाजार तक पहुंच एवं आजीविका से जुड़ी अन्य सेवाए उपलब्ध कराने से गरीब लोग स्थायी आजीविका प्राप्त कर सकते हैं।

एनआरएलएम के मूल्य

आजीविका-एनआरएलएम के तहत सभी गतिविधियों को संचालित करने वाले महत्वपूर्ण नैतिक मूल्य निम्न प्रकार हैं:
  • समाज के अत्यंत गरीब लोगों को शामिल करना और सभी प्रकि्रयाओं में उनकी सार्थक भूमिका।
  • सभी प्रकि्रयाओं और संस्थाओं की पारदर्शिता तथा जवाबदेही।
  • योजना, उसके कि्रयान्वयन और निगरानी के सभी स्तरों पर गरीब लोगों और उनकी संस्थाओं का स्वामित्व और उनकी अहम भूमिका।
  • समुदायिक आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता।
Institutional Platforms of Poor
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